परिचय
सूरह नास कुरान की 114वीं और अंतिम सूरह है। यह एक छोटी लेकिन शक्तिशाली सूरह है जो बुराई की सभी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है, चाहे वे दिखाई देती हों या छिपी हों। यह सूरह भगवान से हमें शैतान और उसके अनुयायियों के कुकृत्यों से बचाने के लिए प्रार्थना करती है।
सूरह नास का पाठ
अरबी में:
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ النَّاسِ * مَلِكِ النَّاسِ * إِلَـهِ النَّاسِ * مِن شَرِّ الْوَسْوَاسِ الْخَنَّاسِ * الَّذِي يُوَسْوِسُ فِي صُدُورِ النَّاسِ * مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ
हिंदी लिप्यंतरण:
कुल अउजू बिर्बीन्ननास * मालिकिन्ननास * इलाहिननास * मिन शर्रिलवसवसिल्खान्नास * अल्लजी युवस्विसू फी सुदूरिननास * मिनल जिननि वन्नास
अर्थ:
"कहो, मैं मनुष्यों के स्वामी, मनुष्यों के राजा, मनुष्यों के देवता से शरण मांगता हूं, छिपे हुए और फुसफुसाने वाले के पाप से, जो मनुष्यों के दिलों में फुसफुसाता है, जिनमें से जिन्न और मनुष्य होते हैं।"
सूरह नास का महत्व
सूरह नास एक महत्वपूर्ण सूरह है जिसका पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अक्सर पाठ किया था। उन्होंने कहा था कि यह सूरह बुराई की शक्तियों के खिलाफ सबसे प्रभावी सुरक्षा है।
सूरह नास में उल्लिखित बुराई की शक्तियों में शामिल हैं:
सुरक्षा के लिए सूरह नास का उपयोग
सूरह नास का पाठ आपको निम्नलिखित तरीकों से बुराई की शक्तियों से बचा सकता है:
सूरह नास का नियमित पाठ
सूरह नास का सबसे अच्छा प्रभाव प्राप्त करने के लिए, इसे नियमित रूप से पाठ करने की सलाह दी जाती है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं कि आप इसे कैसे अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं:
सूरह नास का पाठ करने के लाभ
सूरह नास का नियमित पाठ निम्नलिखित लाभ प्रदान कर सकता है:
निष्कर्ष
सूरह नास एक शक्तिशाली सूरह है जो बुराई की शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से आप अपने मन, आत्मा और शरीर की रक्षा कर सकते हैं। सूरह नास का पाठ आपको अपने जीवन में शांति, सुरक्षा और आध्यात्मिक विकास लाएगा।
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