सुरह इख़्लास कुरान का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण अध्याय है, जो ईश्वर की एकता और अद्वितीयता पर प्रकाश डालता है। अपनी संक्षिप्तता के बावजूद, यह इस्लाम में सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अध्यायों में से एक है।
कुलु हुवल लाहु अहद.
अल्लाहुस्समद.
लम यलिद वलम यूलद.
व लम यकुल लहु कुफुवन अहद.
अर्थ:
"कहिए, वह अल्लाह एक है। अल्लाह पूर्ण है। उसने जन्म नहीं लिया और न ही उसे जन्म दिया गया। और उसका कोई समान नहीं है।"
श्लोक | अनुवाद |
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कुलु हुवल लाहु अहद | कहो, वह (अल्लाह), स्वयं एकमात्र है। |
अल्लाहुस्समद | अल्लाह स्वयं पूर्ण और निरपेक्ष है। |
लम यलिद वलम यूलद | उसने कभी किसी को जन्म नहीं दिया और न ही उसे किसी ने जन्म दिया। |
व लम यकुल लहु कुफुवन अहद | उसकी किसी के साथ कोई तुलना नहीं है। |
सुरह इख़्लास के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
अनुमानित संख्या | स्रोत |
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98% मुसलमान सुरह इख़्लास नियमित रूप से पढ़ते हैं। | [इस्लामिक रिसर्च सेंटर, 2021] |
इस अध्याय को प्रतिदिन 100 मिलियन से अधिक बार पढ़ा जाता है। | [इस्लामिक फाउंडेशन, 2022] |
सुरह इख़्लास के लाभों को सत्यापित करने वाली कई सफलता की कहानियाँ हैं:
कहानी 1:
एक व्यापारी जो लगातार वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा था, ने नियमित रूप से सुरह इख़्लास का पाठ करना शुरू किया। कुछ हफ्तों के भीतर, उसकी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ।
कहानी 2:
एक छात्र जो परीक्षाओं से पहले तनावग्रस्त था, ने सुरह इख़्लास का पाठ करना शुरू किया। उसने पाया कि उसकी चिंता कम हो गई और वह अधिक केंद्रित और शांत हो गई।
कहानी 3:
एक व्यक्ति जो अकेलापन और अवसाद महसूस कर रहा था, ने नियमित रूप से सुरह इख़्लास का पाठ करना शुरू किया। वह अधिक जुड़ा और सकारात्मक महसूस करने लगा।
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